देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः
पाठमात्रेण संसिद्ध्येत् कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम् ॥ ४ ॥
कुञ्जिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत् ।
देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
Siddha Kunjika Strotam Added benefits incorporate blessing a single who chants with whole devotion with Unquestionably excellent overall health.
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से विपदाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं और समस्त कष्ट से मुक्ति मिलती है। यह सिद्ध स्त्रोत है और इसे करने से दुर्गासप्तशती पढ़ने के समान पुण्य मिलता है।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः
समय का अभाव है तो नवरात्रि के नौ दिनों में सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कर देवी की उपासना की जा सकती click here है. इससे पूजा और व्रत का अक्षय पुण्य प्राप्त होगा.
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